गुना ज़िले के धरनावदा कस्बे में बीते दिनों घटित दर्दनाक हादसे को लेकर अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। शुरुआती तौर पर जिन 5 लोगों की मौत को कुएं में जहरीली गैस का असर बताया जा रहा था, अब उस पर सवाल उठने लगे हैं।
इस हादसे में एक गाय के बछड़े को बचाने के लिए छह लोग कुएं में उतरे थे, जिनमें से पांच की दम घुटने से मौत हो गई थी। लेकिन अब इस मामले में पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह — जो कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं — ने इस मौतों के पीछे पानी में फैले करंट को असली वजह बताया है।
लक्ष्मण सिंह का बड़ा बयान: “गैस नहीं, पानी में करंट से हुई मौत”
धरनावदा पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद लक्ष्मण सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“यह कहना गलत है कि इन लोगों की मौत गैस रिसाव से हुई। मुझे यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी में करंट फैला हुआ था, जिससे पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह बात कुएं के मालिक को भी पता थी, फिर भी उसने लोगों को नीचे उतरने दिया — ये लापरवाही नहीं, संभवतः आपराधिक लापरवाही है। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।”
प्रशासन पर सवाल और पीड़ितों के लिए मांगी मदद
लक्ष्मण सिंह ने यह भी कहा कि मृतकों के परिवार बेहद गरीब और भूमिहीन हैं।
"कुछ परिवारों को मुआवजा मिला है, लेकिन 2 परिवारों को अब तक राहत राशि नहीं मिली है। जिला प्रशासन को शीघ्र राहत राशि उपलब्ध करानी चाहिए, और जिनके कच्चे मकान हैं उन्हें पक्के घर, साथ ही सरकारी जमीन पर पट्टे दिए जाएं।"
उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों और समाज के सभी वर्गों को मिलकर एक सहायता फंड बनाना चाहिए, जिससे इन पीड़ित परिवारों को दीर्घकालिक राहत मिल सके।
जांच की मांग
लक्ष्मण सिंह ने स्पष्ट कहा कि:
“अगर पहले से पता था कि पानी में करंट फैला है, तो बिजली का तार क्यों नहीं काटा गया? क्यों ग्रामीणों को कुएं में उतारा गया? प्रशासन को चाहिए कि कुएं के मालिक की भूमिका की गहराई से जांच करे और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाए।”
क्या यह हादसा था या लापरवाही का परिणाम?
इस घटनाक्रम ने पूरे इलाके में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। गैस रिसाव की थ्योरी अब सवालों के घेरे में है, और प्रशासन से पारदर्शी जांच की मांग ज़ोर पकड़ रही है।
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