गुना जिले में बंधुआ मजदूरी और मानवाधिकार हनन के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाते हुए जिला प्रशासन ने 16 मानसिक रूप से विक्षिप्त मजदूरों को अवैध बंधन से मुक्त कराया। यह कार्रवाई प्रशासन की संवेदनशीलता और दृढ़ संकल्प का परिचायक है।
सुबह 5 बजे शुरू हुआ ऑपरेशनकलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री किशोर कन्याल के निर्देश पर एसडीएम चांचौड़ा श्री रवि मालवीय, जिला श्रम अधिकारी श्री आशीष तिवारी एवं एसडीओ (पुलिस) के नेतृत्व में 5 ब्लॉक स्तरीय टीमें बनाई गईं।
ग्राम बीनागंज, जयसिंहपुरा और चक्क पटोदी में तड़के छापामारी कर बंधकों को मुक्त कराया गया।
ऑपरेशन की अहम बातें:
16 मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों को बंधन से छुड़ाया गया
इन व्यक्तियों को अवैध रूप से मजदूरी कराने हेतु बंधक बनाकर रखा गया था
लगभग 50 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया।
कानूनी कार्रवाई
दोषियों के विरुद्ध संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज की गई है
मुक्त लोगों का मेडिकल परीक्षण कर जिला स्तर पर उनकी काउंसलिंग की जा रही है।
प्रशासन संबंधित राज्यों और जिलों से समन्वय कर उन्हें परिजनों को सौंपेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद भार्गव ने कहा :
इस अभियान में पूर्व में भी कई बंधक मजदूरों को छुड़ा चुके
"यह कोई साधारण मामला नहीं है, बल्कि बंधुआ मजदूरी से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है। हम पिछले दो साल से इस पर काम कर रहे हैं और आगे भी बचे हुए मजदूरों को छुड़ाने का अभियान जारी रहेगा।"
उनके अनुसार यह पूरे क्षेत्र में बंधुआ मजदूरी का संगठित जाल हो सकता है, जिस पर प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर लगातार कार्रवाई करनी होगी।
जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी सराहनीय
इस अभियान में क्षेत्रीय विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का भी विशेष सहयोग रहा।
यह मानवाधिकारों की रक्षा की दिशा में एक सशक्त पहल है, जो भविष्य में और भी मामलों को उजागर करने की प्रेरणा बनेगी।
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